यदि दिल में कुछ करने की दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो तमाम चुनौतियों के उपरांत भी सच्ची लगन व कड़ी मेहनत के साथ लक्ष्य तक पहुंचने के लिए योजना बनाई जाए तो तरक्की के रास्ते भी स्वयं खुल जाते हैं।
आदर्श नगर ऊना की मंजू
शर्मा की सफलता की कहानी ने साबित कर दिया कि सपने जरूर पूरे होते हैं होंसला बुलंद होना चाहिए। मंजू शर्मा अरविंद मार्ग ऊना में लोटस सैलून नाम से शॉप चला रही है। उनका कहना है कि पीएनबी आरसेटी संस्थान के माध्यम से उन्होंने 10 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके उपरांत उन्होंने आत्मनिर्भर बनने के लिए ग्रामीण बैंक से 8 लाख रूपये का लोन लिया जिस पर 35 प्रतिशत की सब्सिडी मिली। अंजू ने बताया कि सैलून के जरिए प्रतिमाह 40 से 45 हज़ार कमा रही है। उन्होंने बताया कि त्यौहारों व विवाह-शादियों के सीज़न में वह इससे भी ज्यादा आय अर्जित कर लेती है। सैलून का कार्य करने के लिए दो लड़कियों को रोजगार भी दिया है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में तीन लड़कियां ब्यूटीपार्लर का काम सीख रही हैं। उन्होंने बताया कि वह गरीब लड़कियों को ब्यूटीपार्लर के निःशुल्क कोर्स भी करवाती हैं। मंजू शर्मा ने बेरोजगार लड़कियांे को संदेश दिया है कि पीएनबी आरसेटी के माध्यम से किसी भी फील्ड में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना व्यवसाय आरंभ करके आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
सिलाई का काम करके आत्मनिर्भर बनी गांव पनोह की कविता बताती हैं कि पिछले चार वर्षों से वह टेलरिंग का कार्य कर रही है। उनका कहना है कि उन्होंने पीएनबी आरसेटी संस्थान के माध्यम से एक महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उसके उपरांत उन्होंने अपना खुद का सिलाई करने का कार्य शुरू किया जिससे उन्हें प्रतिमाह 10 से 15 हज़ार रूपये कमा कर अपने परिवार चलाने के लिए सहयोग प्रदान कर रही है। कविता ने बताया कि वर्तमान में पांच लड़कियों को भी टेलरिंग का कार्य सीखा रही हैं। उन्होंने बेरोजगार महिलाओं से आहवान किया कि वे भी पीएनबी आरसेटी संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना व्यवसाय आरंभ कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। कविता ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए संचालित की जा रही स्कीमों को अपनाने का आग्रह किया।
रायपुर सहोड़ां की कुलबीर कौर डेयरी फार्मिंग से प्रतिमाह कमा रही 15 से 20 हज़ार रूपये। कुलबीर कौर बताती है कि उनके पति फोटोग्राफी का कार्य करते है तथा उनके तीन बच्चें हैं। परिवार की आर्थिकी मजबूत करने के लिए उन्होंने पीएनबी आरसेटी से डेयरी फार्मिंग में 10 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके उपरांत उन्होंने बैंक से 50 हज़ार रूपये का ऋण गाय खरीदने के लिए लिया जिस पर उन्हें 25 प्रतिशत का अनुदान मिला है। कुलबीर कौर ने बताया कि गाय 13 किलोग्राम दूध देती है। 13 किलोग्राम में से 8 किलोग्राम दूध 50 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बेच हैं। इसके अलावा शु़द्ध देसी घी तथा देसी गाय के गौ-मूत्र से निर्मित जीवामृत, घनजीवामृत, अग्नेयास्त्र जैसे विभिन्न घटक बनाकर भी बेचती है तथा अपने खेतों में भी प्रयोग करती हैं। उन्होंने बताया कि जीवामृत पौधों व धरती के लिए अमृत के तुल्य है। घनजीवामृत से सूखी खाद तैयार की जाती है जोकि फसलों के लिए काफी फायदेमंद होती है।
आरसेटी ऊना के निदेशक संदीप ठाकुर ने बताया कि जिला ऊना में आरसेटी की शुरूआत 2010 से हुई थी। संदीप ने बताया कि आरसेटी के तहत संस्थान स्तर व विभिन्न गांवों में महिलाओं को ब्यूटीपार्लर, टेलरिंग, मशरूम, डेयरी फार्मिंग व खेती जैसे विभिन्न कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित किया जाता है ताकि इनमें प्रशिक्षित होकर स्वरोजगार के साधन पैदा कर सकें। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए महिला व पुरूष जिला ऊना का स्थाई निवासी अथवा आधार कार्ड के साथ-साथ आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। संदीप ने बताया कि आरसेटी संस्थान के माध्यम से अब तक 312 प्रोग्राम करवाए गए हैं जिसमें 7,960 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान अभ्यर्थियों को रहने व खाने की सुविधा भी निःशुल्क प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि टेªनिंग के दौरान अभ्यर्थियों को केवल व्यवसायिक प्रशिक्षण ही नहीं बल्कि वित्तीय साक्षरता जैसे बैंक लोन, अपना बचत खाता खोलने, स्वयं सहायता समूह में अपना खाता खुलवाने जैसी अन्य जानकारियां भी प्रदान की जाती है। इसके अलावा प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही सब्सिडी स्कीमों की जानकारी भी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दी जाती है। टेªनिंग पूर्ण होने के उपरांत अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है जिसके माध्यम से वे ऋण भी ले सकते हैं। संदीप ठाकुर ने बताया कि बीपीएल श्रेणी के एससी, एसटी, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं व मनरेगा वर्करस भी टेªनिंग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि ब्यूटीपार्लर व महिला टेलरिंग प्रशिक्षण अवधि 30 दिन की है जबकि डेयरी फार्मिंग, मशरूम व बैग मेकिंग जैसी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अवधि 10 दिन की रहती है। उन्होंने बताया कि जिला के इच्छुक अभ्यर्थी प्रातः 9.30 बजे से सायं 5.30 के बीच तीन फोटोग्राफस, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बीपीएल एससी व एसटी कार्ड लेकर आरसेटी संस्थान में अपना पंजीकरण करवा सकते है। उन्होंने बताया कि पीएनबी आरसेटी संस्थान दूसरे व चौथे शनिवार को बंद रहता है।उन्होंने जिला ऊना के बेरोजगार महिलाओं व पुरूषों से अपील की है कि स्वरोजगार अपनाने के लिए आरसेटी के माध्यम से संचालित किए जा प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अपना पंजीकरण करवाएं ताकि आत्मनिर्भर बन सकें।
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