February 18, 2025

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आवारा छोड़ी गई गाय को समय से पहले ही प्रसव पीड़ा शुरू,बलाना के पूर्व उप- प्रधान मदन बलौरिया ने पशु चिकित्सक की मदद से बचाई जान!


संवाददाता चमन ठाकुर चंबा : एक तरफ भारतवर्ष में गाय को माता का दर्जा देकर पूजा की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ दूध देने तक खूब सेवा करने के बाद जंगलों व सड़कों पर खुला छोड़ दिया जाता है।
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो हर गली-मोहल्ले व सड़कों पर आवारा बैल व गाय को देखा जा सकता है।
राजनीतिज्ञों की बात करें तो चुनाव होने तक कितनी ही गौशालाएं बनाने की बात की जाती रही हैं मगर चुनाव होने के बाद धरातल में रिपोर्ट 0 के समान है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं जिला चम्बा के विधानसभा भटियात की।
डडामण से गोला संपर्क मार्ग कैंची मोड़ के पास जहां पर आज सुबह लगभग आठ बजे पंचायत बलाना के पूर्व में रहे उप-प्रधान मदन बलौरिया द्रम्मन से बासा के लिए अपने घर आ रहे थे तो
उन्होंने देखा कि एक लगभग पांच महीने से गर्भवती आवारा गाय प्रसव पीड़ा से कहरा रही है। उन्होंने तुरंत पशु औषधियोजक पंचायत गोला कार्यरत डॉक्टर सुरेंद्र कुमार को सूचित किया।
कुछ ही समय बाद डॉक्टर सुरेंद्र कुमार अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे व पीड़ित गाय के उपचार में जुट गए।
बड़ी मशक्कत के बाद गाय को बांध कर गर्भपात करवाया गया। गाय अब स्वस्थ बताई जा रही है। इस नेक कार्य के लिए सबसे अधिक श्रेय पूर्व उप-प्रधान मदन बलौरिया पशु औषधियोजक गोला सुरेंद्र कुमार को जाता है। जिन्होंने इस कठिन घड़ी में गौ माता की जान बचाई है। मदन बलौरिया का कहना है ऐसे कार्यों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को ध्यान रखने की जरूरत है। अगर इस तरह कोई भी अपने मवेशियों को सड़कों पर छोड़ता है तो तुरंत प्रशासन को अवगत करवाना चाहिए। ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घिनौनी हरकत न करे।

क्या कहा पशु औषधियोजक सुरेंद्र कुमार ने

सुरेंद्र कुमार का कहना है कि आज सुबह जब मैं ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहा था तब बलाना पंचायत के पूर्व उप- प्रधान द्वारा उपरोक्त बिषय की सूचना दी गई। मेरे साथ पशु औषधियोजक बड़द्रम्मन करतार सिंह, स्थानीय निवासी रोहित कुमार व रवि कुमार मौके पर पहुंचे।
आवारा छोड़ी गई गाय के पेट में लगभग पांच माह के भ्रूण को निकाला गया जोकि समय से पहले ही गाय को प्रसव पीड़ा शरू हो गई थी। गाय अब स्वस्थ है।