हमीरपुर:- सहकारी सभाओं के कार्यों में तत्परता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सहकारिता विभाग द्वारा जारी किए गए कंप्यूटीकरण के आदेशों की अनुपालना न करने वाली सहकारी सभाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। सहायक पंजीयक प्रत्यूष चौहान ने बताया कि सहकारी सभाओं के पंजीयक ने हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं नियमावली 1972 के नियम 152 के अंतर्गत 60 दिन के भीतर प्रदेश की सभी प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं को विशेष अधिवेशन बुला कर अपने उपनियमों में कंप्यूटरीकरण एवं उद्देश्यों से संबंधित संशोधन करने के आदेश जारी किए हैं। प्रत्यूष चौहान ने बताया कि जिला हमीरपुर की सभी संबंधित सभाओं को निर्धारित अवधि के भीतर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। ऐसा न करने पर संबंधित सभा के प्रधान, कमेटी सदस्य और सचिव पर हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं अधिनियम 1968 के अंतर्गत धारा 37 के तहत अधिक्रमण कार्रवाई तथा धारा 96 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त संबंधित प्रधान एवं सभा सदस्यों को तीन साल के लिए चुनाव लडऩे के अयोग्य घोषित किया जा सकता है। प्रत्यूष चौहान ने बताया कि विभागीय समीक्षा के दौरान यह सामने आया है कि नादौन और सुजानपुर खंड की कुछ सहकारी सभाएं कंप्यूटरीकरण का अनुचित विरोध कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा 125 सहकारी सभाओं को कंप्यूटरीकरण के लिए जिला स्तरीय कमेटी के माध्यम से अनुमोदित किया गया था।
पहले भी कई बार सभा प्रधान तथा सभा सचिवों को कंप्यूटरीकरण से संबंधित प्रस्ताव निर्धारित प्रपत्र पर सहकारिता निरीक्षकों तथा कांगड़ा सहकारी बैंक की शाखाओं के माध्यम से जमा कराने का निर्देश जारी किया गया था। इनमें से कुछ सभाओं ने प्रपत्र जमा करा दिए हैं लेकिन कुछ सभाओं के प्रपत्र अभी भी वांछित हैं। सहायक पंजीयक ने बताया कि सहकारी सभाओं के रिकॉर्ड के कंप्यूटरीकरण के कई फायदे हैं। उन्होंने बताया कि जिला की सहकारी सभाओं मेंकरोड़ों रुपये का लेन-देन होता है। कंप्यूटरीकरण से लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ेगी। सभा सचिव एवं कमेटी सदस्यों का कामकाज भी आसान हो जाएगा। सभा को ऑडिट कराने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। प्रत्यूष चौहान ने कहा कि जिला हमीरपुर की कई सहकारी सभाओं में पहले भी गबन के मामले सामने आ चुके हैं। इन मामलों में आम जनता का पैसा डूबा है।
अभी भी लगभग 30 सभाओं का गत वर्ष का ऑडिट होना बाकी है, जिसके लिए सभा प्रबंधन समिति एवं सभा सचिव की जिम्मेदारी तय की गई है। उन्होंने संबंधित सभाओं से निर्धारित अवधि के भीतर अपने उपनियमों में कंप्यूटरीकरण एवं उद्देश्यों से संबंधित आवश्यक संशोधन करके प्रपत्र विभाग को भेजने का आग्रह किया है। उन्होंने सभा के सदस्यों से भी प्रधानों और सचिवों को कंप्यूटरीकरण के लिए प्रेरित करने की अपील की है।
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