ऊना, 5 सितम्बर – परियोजना निदेशक, आतमा कृषि विभाग, डॉ0 वीरेंदर कुमार बग्गा ने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की 2022-2023 की वार्षिक रिपोर्ट उपायुक्त राघव शर्मा को भेंट की। रिपोर्ट में पूरे हिमाचल प्रदेश राज्य में प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत की गई विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया गया है। समय-समय पर किसानों द्वारा खेतों व राज्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई शिमला द्वारा किये गये प्रयासों तथा सरकार द्वारा आतमा कृषि के अन्तर्गत समीक्षा कार्यों का अवलोकन रिपोर्ट में शामिल है।परियोजना निदेशक, आतमा कृषि विभाग, डॉ0 वीरेंदर बग्गा ने बताया कि जिला में प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत विभिन्न देसी गाय की नस्लें जैसे रेड सिंधी, साहिवाल, गिर, थारपारकर, राठी, ओंगोले तथा देसी पहाड़ी गाय आदि के गोबर ब गौ मूत्र से विभिन्न घटकों द्वारा प्राकृतिक खेती की जाती है। डॉ वग्गा ने बताया कि ऊना में लगभग 1,471 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर 12, 100 किसान प्रकृतिक तरीके से खेती कर रहे हैं। डॉ बग्गा ने बताया कि किसान वर्ष 2018 से लेकर आज दिन तक प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रफल ला रहे हैं तथा विभिन्न प्रकार की रबी व खरीफ मौसम की सब्जियाँ जैसे खीरा, घीया, काली तोरी, बैंगन, करेले, भिंडी, कद्दू, पंडोल, मटर, गोभी, आलू, मूली, मेथी, पालक, दलहनी व तिलहनी फसलें तथा फलों में आम, सेब, स्ट्राबेरी तथा अनार इत्यादि प्राकृतिक खेती द्वारा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती की विधि द्वारा उगाई गई सब्जियों को बेचने के लिए मिनी सचिवालय के प्रांगण में उपयुक्त स्थान देने के लिए आग्रह किया गया जिस पर उपायुक्त ने सहमति जताई है। इस व्यवस्था से किसानों को अपना प्राकृतिक उत्पाद जिला के बाहर नहीं भेजना पड़ेगा तथा जिला मुख्यालय पर ही आने बाले समय में यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इस अवसर पर डॉ बग्गा के साथ उप परियोजना निदेशक, ऊना डॉ संतोष शर्मा व कम्प्युटर प्रोग्रामर मिस्टर ऋषि गर्ग भी उपस्थित रहे।
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