पांगी,15 सितम्बर:आवासीय आयुक्त पांगी रितिका जिंदल ने कहा कि किसानों को घाटी में ही उनकी फसलों के उचित दाम व बाज़ार की उपलब्धता हेतु एफपीओ (प्राकृतिक खेती किसान उत्पादन संगठन) बनाने व घाटी के प्राकृतिक उत्पादों को एक अलग पहचान दिलवाने हेतु ब्रांडिंग को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि पांगी उप मंडल को प्राकृतिक कृषि उत्पाद घाटी घोषित करने व रासायनिक उर्वरकों के शून्य इस्तेमाल करने के लिए राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना व कृषि भवन शिमला की ओर से गठित कमेटी ने घाटी की 12 पंचायतों का दौरा किया।दौरे के दौरान कमेटी ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से प्राकृतिक खेती पर चर्चा की।उन्होंने बताया की घाटी को प्राकृतिक कृषि उत्पाद घाटी घोषित करने का निर्णय लिए गए नमूनों की जाँच के बाद ही लिया जाएगा।गौरतलब है कि पांगी घाटी के 19 पंचायतों ने पांगी घाटी को प्राकृतिक कृषि उत्पाद घाटी घोषित करने व रासायनिक उर्वरकों के शून्य इस्तेमाल करने के लिए आवासीय आयुक्त के समक्ष प्रस्ताव रखा था। उसके उपरांत कृषि विभाग द्वारा मनोज गुप्ता प्रोफेसर साइंटिस्ट (एग्री. इकोनॉमिक्स) की अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया।गठित कमेटी में डॉ ईश्वर ठाकुर परियोजना निदेशक (आत्मा) सदस्य म व डॉ हरीश ठाकुर परामर्शदाता (प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना) सदस्य सचिव के रूप में शामिल रहे।
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