November 14, 2024

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शिवभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी, भरमौर से डल झील तक पहुंच सकेंगे हेलीकॉप्टर द्वारा!

संवाददाता चमन ठाकुर चंबा :

हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा में शिव भक्तों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है।

चंद ही मिनटों में भरमौर से पवित्र डलझील पहुँच सकेंगे।

मणिमहेश यात्रा के दौरान अब श्रद्धालु भरमौर से सीधे पवित्र डल झील तक महज सात मिनट में पहुंच सकेंगे। पर्यटन विभाग चंबा समुद्रतल से 13,390 फीट की ऊंचाई पर मणिमहेश झील के पास हेलीपैड बना कर श्रद्धालुओं का सफर आसान करना चाहता है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग मंडल भरमौर मणिमहेश यात्रा आरंभ होने से पहले पवित्र मणिमहेश झील के समीप हेलिकॉप्टर उतारने की योजना को अमलीजामा पहनाने में जुटा हुआ है। भरमौर से पवित्र झील तक की दूरी 29 किलोमीटर है। जिसे पैदल तय करने में लगभग 12 घंटे लगते हैं। पीडब्ल्यूडी मंडल भरमौर के अधिशासी अभियंता संजीव महाजन ने बताया कि मणिमहेश यात्रा आरंभ होने से पहले हेलीपैड के निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। पहली बार श्रद्धालुओं को भरमौर से सीधे मणिमहेश झील के लिए चॉपर की सुविधा मिलेगी। हेलीपैड में दो चॉपर उतर सकेंगे। पर्यटन विभाग ने पीडब्ल्यूडी मंडल भरमौर को हेलीपैड के निर्माण करने के लिए 50 लाख जारी कर दिए हैं। श्रीकृष्ण अष्टमी से राधाष्टमी के बीच चंबा में पवित्र मणिमहेश यात्रा का आयोजन होता है और हर वर्ष देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इसमे शामिल होते हैं। यात्रा के दौरान 14 किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल चढ़ने में कई श्रद्धालु असमर्थ रहते हैं। जिसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

बताते चले की गौरीकुंड में भी हेलीपैड है और यात्रा के दौरान भरमौर से यहां के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान भरता है। मगर अब मणिमहेश झील के पास हेलीपैड बनाए जाने से श्रद्धालुओं को चढ़ाई चढ़ने से राहत मिल सके। ठेकेदार ने चिह्नित स्थान पर जमीन को समतल करने के साथ सुरक्षा दीवार का कार्य पूरा कर लिया है। साथ ही हेलीपैड के ईद-गिर्द डंगों का निर्माण कार्य भी करीबन पूरा होने वाला है। ऐसे में अब विभाग शीघ्र अति शीघ्र हेलीपैड निर्माण कार्य पूर्ण करवा कर आगामी मणिमहेश यात्रा के दौरान शिवभक्तों को इसकी सुविधा देने की तैयारी कर रहा है। उपायुक्त चंबा डीसी राणा, का कहना है की पवित्र मणिमहेश झील के पास हेलीपैड का निर्माण करवाया जा रहा है। यात्रा से पूर्व कार्य पूरा करने की पूरी कोशिश रहेगी, ताकि श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल पाए।