हिमाचल प्रदेश सरकार ने एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (भारतीय सरकार, विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत उपक्रम) के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया है। इस मोयू के जरिए, हिमाचल प्रदेश सरकार और ई.ई.एस.एल का उपक्रम सी.ई.एस.एल मिलकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन के विस्तार को बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं।
इस मोयू के तहत, ई.ई.एस.एल और हिमाचल प्रदेश सरकार एक साथ काम करेंगे और हिमाचल प्रदेश में नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन के नए विकास को तेजी से लागू करेंगे। इससे हिमाचल प्रदेश में निर्मित होने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की समस्या को हल किया जाएगा।मोयू साइनिंग के बाद, हिमाचल प्रदेश सरकार के परिवहन निदेशक श्री अनुपम कश्यप, हिमाचल प्रदेश सरकार के परिवहन सचिव श्री हेमिस नेगी उपस्थित थे तथा एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (भारतीय सरकार, विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत उपक्रम) के राज्य प्रमुख श्री मनीष कौशल ने बताया कि ने बताया कि इस मोयू के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार और ई.ई.एस.एल (भारतीय सरकार, विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत उपक्रम) मिलकर एक साथ काम करेंगे और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन के नए विकास को तेजी से लागू करेंगे तथा हिमाचल प्रदेश को कार्बन न्यूट्रल बनाने में मदद करेंगे।ई.ई.एस.एल ऊर्जा कुशल तकनीकों के माध्यम से उपभोक्ताओं, उद्योगों और सरकारों को उनकी ऊर्जा आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान करती है।
ई.ई.एस.एल विभिन्न क्षेत्रों जैसे प्रकाशन, भवन, उद्योग, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्मार्ट मीटरिंग, कृषि आदि में ऊर्जा कुशलता लागू करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा कुशलता पोर्टफोलियो को कार्यान्वित कर रही है। ई.ई.एस.एल के ऊर्जा कुशलता समाधान ने भारत को सालाना 47 अरब वाट-घंटे ऊर्जा बचाया है जबकि 36.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है। ई.ई.एस.एल की स्थापना 2009 में हुई थी और इसे भारत सरकार के बिजली मंत्रालय द्वारा प्रोत्साहित किया गया था।
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