हमीरपुर 07 मार्च। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अमरजीत सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों को लोकसभा चुनाव के लिए आवश्यक तैयारियां अतिशीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं। वीरवार को जिला के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि आने वाले दिनों में कभी भी लोकसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। यह घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी और इसके साथ ही सभी विभागों को त्वरित कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि घोषणा के बाद सभी सरकारी भवनों और परिसरों से होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर, झंडे, राजनीतिक नेताओं के फोटोयुक्त कैलेंडर एवं अन्य प्रचार सामग्री 24 घंटे के भीतर, विभिन्न सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैंड, चौक-चौहारों एवं दीवारों इत्यादि से 48 घंटे के भीतर और विभिन्न निजी परिसरों से 72 घंटे में हटानी होंगी। अगर किसी व्यक्ति ने अपने निजी परिसर में अपनी सहमति से यह सामग्री लगवाई है तो इस संबंध में उससे लिखित अनुमति लेनी होगी। सरकारी वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स से भी राजनीतिक नेताओं के फोटो तुरंत हटा दिए जाएंगे। उपायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने विभागों, परिसरों और कार्यक्षेत्रों में लगी इस सामग्री की सूची अभी से ही तैयार कर लें, ताकि चुनाव की घोषणा होते ही इन्हें तुरंत हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार आदर्श आचार संहिता के दौरान सरकारी विश्रामगृहों और अन्य परिसरों में चुनावी बैठकों और जलसों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। विश्रामगृहों में किसी भी व्यक्ति को 48 घंटे से अधिक की अवधि के लिए कमरा नहीं दिया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरा अध्ययन करें तथा आदर्श आचार संहिता के बारे में पूरी क्लैरिटी रखें, ताकि किसी भी स्तर पर कनफ्यूजन या अनावश्यक विवाद की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने कहा कि जिला हमीरपुर में मतदान के दिन लगभग 3500 अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी। इसके अलावा सेक्टर ऑफिसरों, सेक्टर मैजिस्ट्रेटों, व्यय निगरानी टीमों और कई अन्य टीमों के लिए भी अधिकारियों-कर्मचारियों की आवश्यकता रहेगी। इसलिए, सभी कार्यालय अध्यक्ष अपने अधीन कर्मचारियों की पूरी सूची निर्वाचन विभाग को उपलब्ध करवाएं। उपायुक्त ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान सभी विभागों के संसाधनों को कभी भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मतदान की प्रतिशतता बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग विशेष रूप से फोकस कर रहा है। इसलिए सभी अधिकारियों-कर्मचारियों और उनके सभी पात्र परिजनों के नाम मतदाता सूचियों में दर्ज होने चाहिए। आवश्यक सेवाओं से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी अगर मतदान के दिन डयूटी पर होंगे तो उन्हें पहले ही निर्धारित प्रक्रिया के तहत पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन करना चाहिए। उपायुक्त ने अधिकारियों से ऐसे विकास कार्यों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए, जोकि मंजूरी मिलने के बाद शुरू होने हैं या अभी चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन कार्यों के संबंध में निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी। बैठक में आदर्श आचार संहिता से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर एडीसी मनेश यादव और निर्वाचन विभाग के तहसीलदार उपेंद्रनाथ शुक्ला ने भी अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के विभिन्न दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।
निर्वाचन प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए 18 नोडल अधिकारियों की तैनाती उपायुक्त ने बताया कि लोकसभा चुनाव से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिला स्तर पर 18 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन सभी अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। उपायुक्त ने वीरवार को ही इन अधिकारियों के साथ अलग बैठक करके चुनाव से संबंधित विभिन्न प्रबंधों पर व्यापक चर्चा की।
More Stories
बिजली मीटर की केवाईसी करवाएं धनेटा के उपभोक्ता
नशा मुक्त ऊना अभियान के तहत मास्टर ट्रेनरों के लिए कार्यशाला आयोजित
ऊना जिले में मतदाता सूचियों को अपडेट करने को विशेष अभियान