ऊना, 14 जुलाई – जिला में विभिन्न गौशालाओं के माध्यम से आवारा घूम रहे पशुओं को आश्रय प्रदान किया गया है। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने गौशाला संचालकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला में 37 गौशालाएं हैं जिसमें 3,450 गौवंश को आश्रय प्रदान किया गया है।बैठक में गौशाला संचालकों के साथ पंजीकृत गऊशालाओं के विस्तार, गऊशालाओं में पशुओं के स्वास्थ्य के लिए सस्ती दरों पर दवाईयां उपलब्ध करवाने तथा सड़क पर घायल पशुओं को इलाज़ के लिए पशु चिकित्सालय तक ले जाने के लिए पाॅवर लिफ्टिंग मशीन उपलब्ध करवाने व अवारा पशुओं को पकड़ने के लिए ब्लो पाईप गन तथा जिला घूम रहे लगभग 250 आवारा पशुओं को गौशाला में स्थांतरित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। एडीसी ने कहा कि छः नम्बर एनिमल लिफ्टिंग मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसके अलावा उन्होंने विभाग को ब्लो पाइप गन क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुओं के स्वास्थ्य के लिए गौशालाओं में सस्ती दरों पर दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए उच्च स्तर पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में पशुओं को बेहतर आश्रय तथा सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए पशु पालन विभाग तथा पंचायती राज विभाग आपसी तालमेल से कार्य करें।इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी ने जिला परिषद सदस्यों से 20-20 हज़ार रूपये गौशालाओं को देने का आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि गौशालाओं में जाने के लिए यहां-यहां रास्तों की दिक्कतें है वहां पर रास्तों का निर्माण करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त गौशालाओं के संचालकों ने पशुओं की देखभाल के लिए प्रतिमाह मिलने वाली 700 रूपये की राशि को एक हज़ार रूपये तक बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने सीमावर्ती इलाकों के माध्ये से राज्य में आने वाले आवारा पशुओं पर भी कड़ी निगरानी रखने की अपील की।इस अवसर पर उपाध्यक्ष कृष्णपाल शर्मा, उपनिदेशक पशु पालन विभाग जयसिंह सेन, जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार, डाॅ राकेश भट्टी, डाॅ शगुन महाजन सहित सभी गौ संचालक व प्रधान उपस्थित रहे।-0-
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