सुजानपुर 11 अगस्त। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर ने शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बगेहड़ा और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जंगलबैरी में किशोरों और किशोरियों के लिए तनाव प्रबंधन कार्यशालाएं आयोजित कीं। कार्यशालाओं की अध्यक्षता करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि किशोरावस्था मानव जीवन का सर्वाधिक ऊर्जावान, उत्पादक एवं प्रतिस्पर्धी समय होता है। यह अत्यधिक ऊर्जा एवं प्रतिस्पर्धा किशोरों से अपने व्यवहार में कुशलता और धैर्य की भी अपेक्षा रखती है, क्योंकि अपने आसपास के बदलते परिवेश से सामंजस्य स्थापित करते हुए हमारा शरीर तनाव के रूप में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि तनाव वास्तव में हमारी वह शारीरिक और मानसिक दशा है जो हमें किसी परिस्थिति विशेष का सामना करने के लिए क्रियाशील बनाती है। सकारात्मक तनाव हमें ऊर्जा से परिपूर्ण कर सामान्य स्थिति में असंभव दिखने वाले कार्य को संभव करने में मदद करता है, क्योंकि तनाव की स्थिति में हमारी समझ-बूझ, कार्यक्षमता और कार्य निष्पादन की गति बढ़ जाती है। जबकि, नकारात्मकता की स्थिति में यह क्रियाशीलता शारीरिक और मानसिक स्थिति का ह्रास कर विकास को अवरुद्ध कर देती है। इस अवसर पर मनोविज्ञानी शीतल वर्मा ने कहा कि समय प्रबंधन, कार्य प्राथमिकता, प्रभावी संचार, सकारात्मक सोच जैसे कौशलों का विकास कर किशोरों को उनकी ऊर्जा का सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने योग, ध्यान, श्वास प्रबंधन, स्व-सम्मोहन जैसी तकनीकों के माध्यम से किशोरियों को तनाव मुक्ति के उपाय सिखाते हुए इन उपायों को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया। उन्होंने किशोरियों को खेलकूद, संगीत एवं सामाजिक गतिविधियों में भी अपनी अभिरुचि बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
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