हमीरपुर 23 जनवरी। महिला एवं बाल विकास विभाग की ‘वो दिन’ योजना के तहत वीरवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टौणी देवी में मासिक धर्म स्वच्छता पर एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि किशोरियों और महिलाओं में मासिक धर्म एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है। इसके लिए उन्हें स्वयं पर गर्व होना चाहिए। यह मासिक धर्म चक्र शर्म का नहीं, बल्कि गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि इस शिविर के आयोजन का उद्देश्य जहां किशोरियों को मासिक धर्म की उपयोगिता से अवगत कराते हुए उन्हें इस अवधि में और अधिक व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति सजग करना है, वहीं किशोरों भी को इस विषय पर और अधिक संवेदनशील बनाना है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म प्रबंधन पर अब तक के प्रयासों के आकलन तथा फीडबैक हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग विद्यालयों में एक वृहद सर्वेक्षण करवा रहा है जिसके परिणाम सरकार तथा समुदाय से साझा किए जाएंगे। इस अवसर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन धीमान ने मासिक धर्म को किशोरियों के स्वास्थ्य और जीवन शक्ति का महत्वपूर्ण इंडिकेटर बताते हुए इसके गरिमामय व स्वच्छतापूर्ण प्रबंधन पर बल दिया और इसे सामुदायिक स्वच्छता का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं मासिक धर्म का प्रबंधन गर्व और सम्मान से कर सकें, प्रयोग हुई मासिक धर्म संबंधी सामग्री का निदान पर्यावरण हितैषी ढंग से हो तथा उनकी निजता और गोपनीयता पर कोई आंच न आए, इसके लिए सामाजिक भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने किशोरियों को मासिक धर्म संबंधी सामग्री के प्रयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता में उनकी उपयोगिता व इनके उपयुक्त निपटान की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर डाक विभाग के निरीक्षक संजीव कुमार ने सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में किशोरियों को विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने विद्यालय में जेंडर सेंसिटिव तथा जेंडर फ्रेंडली व्यवहारों व मासिक धर्म के उपयुक्त प्रबंधन हेतु की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने युवा विद्यार्थियों से इस पर खुलकर चर्चा करने का आह्वान किया, ताकि शर्म के स्थान गर्व ले और आत्मग्लानि का स्थान आत्मविश्वास ले। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय हमीरपुर की ओर से मासिक धर्म सामग्री के उचित निपटान हेतु विद्यालय में इंसीनरेटर स्थापित किया गया तथा किशोरियों को सैनिटरी पद बांटे गए। कार्यक्रम में इको फ्रेंडली मासिक धर्म प्रबंधन पर नारा लेखन एवं पेंटिंग प्रतियोगिता भी करवाई गई तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। नारा लेखन प्रतियोगिता में भूमिका, निवेदिता और रितिका क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रही। पेंटिंग प्रतियोगिता में शगुन चौहान, चेतना और कोमल क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर मासिक धर्म से जुड़े मिथकों, वैज्ञानिक तथ्यों और उसके सुरक्षित व उचित प्रबंधन से जुड़ी प्रचार सामग्री का वितरण भी किया गया।
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