हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की ग्राम पंचायत हरिपुर के संडोली में स्थित रैकेट बैंकाईज़र बहुराष्ट्रीय कंपनी के कर्मचारियों में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अपने हकों की लड़ाई को लेकर कर्मचारियों को हड़ताल का रास्ता चुनना पड़ा है जिसके चलते कंपनी मैनेजमेंट व कर्मचारियों के बीच की खाई और गहराती जा रही है। ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले हड़ताल पर बैठे कंपनी के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जारी एक प्रेस रिलीज में कहा है की कंपनी मैनेजमेंट उनके साथ दिन प्रतिदिन सौतेला व्यवहार कर रहा है । जानकारी देते हुए यूनियन के सहायक सचिव नीरज कुमार ने बताया कि वह प्रतिदिन कंपनी में जाते हैं व उनकी हाजिरी को पंच किया जाता है बावजूद उसके उनको मशीन चलाने के लिए साजो-सामान नहीं दिया जाता जिसके चलते वह अंदर काम नहीं कर पाते हैं जानबूझकर उनके साथ यह व्यवहार किया जा रहा है । ऐसा उनके साथ पिछले दो महीने से किया जा रहा है और तब से ही उनका वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। जबकि पिछले दरवाजे से नए कामगारों की भर्ती प्रक्रिया को भी अंजाम दिया जा रहा है जिससे कहीं ना कहीं उनके भविष्य पर काले बादल मंडरा रहे हैं। नीरज कुमार ने बताया मैनेजमेंट ने इस कंपनी को एचएफएल फूड लिमिटेड को बेच दिया है जबकि कर्मचारियों को लेकर दूसरी कंपनी के साथ किस तरीके के अनुबंध किए गए हैं उनकी प्रतिलिपि भी मुहैया नहीं करवाई जा रही है । मैनेजमेंट के ऐसे सौतेले व्यवहार के चलते मजबूरन हमें लेबर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है तब से कंपनी मैनेजमेंट और भी आग बबूला हो गया है और सीनाजोरी करते हुए हमारे 34 सहकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है जो की दिखता है कि कंपनी का दमन और भी भयंकर हो गया है । हिमाचल तहलका न्यूज़ उपरोक्त मामले में सहायक सचिव नीरज कुमार, उपाध्यक्ष अनिल कुमार, महासचिव विकास कुमार, सह सचिव देवेंद्र कुमार सहित यूनियन के तमाम पदाधिकारियों के हौसले को साधुवाद देता है क्योंकि हमारे न्यूज़ चैनल के पास बद्दी की अन्य कई कंपनियों के ऐसे ही मामले सामने आए हैं परंतु धनवली इन कंपनी वालों के आगे किसी की जुबान खुलना बहुत ही मुश्किलों भरा है। कई युवक कंपनी मैनेजमेंट की ऐसी ही दमनकारी नीतियां सहने के बावजूद भी अपनी जुबान खोल पाने में असमर्थ हैं। कह सकते हैं कि इस कंपनी में जो लोग आवाज उठा रहे हैं वह कहीं ना कहीं कंपनी में पक्के तो हैं परंतु कई अन्य कंपनियों में मामले ऐसे भी हैं जहां पर पिछले दो-दो सालों से युवक काम कर रहे हैं परंतु उन्हें अभी तक पक्का नहीं किया गया है जबकि कंपनी अधिनियम के अनुसार 240 दिन लगातार काम करने वाले युवकों को पक्का किया जाता है और कम से कम सेवानिवृत्ति तक उनको उचित वेतन के साथ काम से बाहर ना करें इस बात का कहीं ना कहीं भरोसा होता है। हिमाचल तहलका न्यूज़ अपने दर्शकों से कहना चाहता है की जो वीडियो युवकों का हम आपको दिखा रहे हैं वह कहीं ना कहीं हमारे संजू हमारे पप्पू हमारे अनिल हमारे बिट्टू हमारे ही बच्चे हैं और कहीं ना कहीं अपने रोजगार के लिए अपने घर वालों को छोड़ कुछ पैसे कमाने के लिए कई तरीके के दुखों को सह रहे हैं हमारी सरकार से भी प्रार्थना है कि वह इन बच्चों के भविष्य को पुख्ता तौर पर सुनिश्चित करें ताकि वह बिना किसी डर के बिना किसी भय के जीवन यापन कर सकें और खुशी-खुशी अपना रोजगार कर सकें । वही कंपनी मैनेजमेंट से भी हमारी प्रार्थना है कि वह कम से कम अपने कर्मचारियों के हकों का दमन ना करें कंपनी का एक हिस्सा मानकर ही काम लें आपको यह मानना होगा कि यह बच्चे सिर्फ अपने रोजगार के लिए गए हैं किसी राजनीति का हिस्सा बनने नहीं गए हैं लिहाजा इंसानियत के नाते काम करें भी और करवाएें भी ताकि आपकी कंपनियां दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करें इसी में ही सभी का हित है और हमारे देश की तरक्की भी इसी में ही छुपी हुई है । हमने इस मामले को लेकर लेबर ऑफिसर सुरेंद्र से बात करनी चाही थी परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया है लिहाजा हमारा उनसे कहना है की वह इन बच्चों के हकों को दिलवाएं व उनके समक्ष आ रही समस्याओं का निदान करवाऐं यही उनका उत्तरदायित्व है।
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