हमीरपुर 25 सितंबर। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिला में विभिन्न विकास कार्यों, विशेषकर प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं तथा मुख्यमंत्री के निर्देशों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए तत्परता के साथ कार्य करें और अगर इनके क्रियान्वयन में कोई मुश्किल आ रही है तो इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत करवाएं तथा आवश्यक फीडबैक भी दें। सोमवार को यहां हमीर भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने ये निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हर माह स्वयं विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे हैं और डीसी-एसपी की कांफ्रंेस में इनकी रिपोर्ट ले रहे हैं। इसलिए, सभी अधिकारी हर कार्य में गंभीरता दिखाएं। इस अवसर पर उपायुक्त ने नादौन और सुजानपुर के नवनिर्मित मिनी सचिवालयों की व्यवस्था की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि भोरंज अस्पताल का एक ब्लाॅक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें आवश्यक उपकरण और फर्नीचर इत्यादि की व्यवस्था के लिए सीएमओ आवश्यक कार्रवाई करें। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग अस्पताल के दूसरे ब्लाॅक की टेंडर प्रक्रिया भी जल्द पूरी करे। उपायुक्त ने कृषि विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे जिले में फल-सब्जी और अन्य नकदी फसलों की संभावनाओं पर कार्य करें तथा किसानों को एफपीओ एवं अन्य समूहों के गठन के साथ सामूहिक खेती के लिए प्रेरित करें। इसमें जाइका परियोजना, एचपीशिवा परियोजना और नाबार्ड की मदद भी ली जा सकती है। उन्होंने एचपीशिवा परियोजना के तहत 10 नए क्लस्टरों में आगामी जनवरी तक पौधारोपण आरंभ करने के निर्देश भी दिए। जिला में वाहनों की आॅटोमैटिक टेस्टिंग के लिए अत्याधुनिक केंद्र की स्थापना पर चर्चा के दौरान उपायुक्त ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा कि नादौन में प्रस्तावित ट्रांसपोर्टनगर में भी यह केंद्र स्थापित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला के चारों शहरी निकायों हमीरपुर, सुजानपुर, नादौन और भोटा में ड्रेनेज सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए संबंधित निकायों के अधिकारी डीपीआर प्रेषित करें। इसके अलावा ठोस कचरा प्रबंधन के लिए भी प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में गीला और सूखा कचरा घरों से ही अलग-अलग आना चाहिए तथा सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग के खिलाफ चालान के लिए 17 विभागों को शक्तियां प्रदान की गई हैं, लेकिन अधिकांश विभाग चालान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों के लिए वन भूमि के हस्तांतरण के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए वन विभाग और संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। बैठक में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, ई-आफिस, हिमकेयर, सहारा, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, आवास योजना और कई अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
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