ऊना, 20 जून – जिला में स्वरोजगार योजनाओं तथा स्वयं सहायता समूहों से संबंधित ऋणों को सभी बैंक प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत दें ताकि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में बेराजगारी की चुनौती से निपटने के साथ-साथ ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सके। यह निर्देश जिला स्तरीय बैंक सलाहकार एवं समीक्षा समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने जिला स्तरीय बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हुई संस्थाओं व व्यक्तियों की ऋण संबंधी कठिनाईयों को सभी बैंक प्राथमिकता के आधार पर हल कर उन्हें ऋण प्रदान करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे समूहों को प्रदान किए जाने वाले ऋण की वापसी अन्यों की तुलना में बेहतर है।राघव शर्मा ने बैंक से जुडे़ उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी बैंक शाखाएं अपने स्तर पर नियमित अंतराल में ग्रामीण लोगों को अपने बैंक से संबंधित विभिन्न योजनाओं बारे साक्षर व जागरूक करें। ऐसा करने से जिला की ऋण-जमा अनुपात में भी सुधार होगा। उन्होने सभी बैंको को निर्देश दिए कि सरकार प्रायोजित योजनाओं के तहत ऋण आवेदनों को समय पर मंजूरी दें। उपायुक्त ऊना ने वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत बैंकों की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया और जमाऋण अनुपात बढ़ाने हेतु बैंको को आबश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों तथा नीतियों का पालन करने हेतु बैंकों तथा सरकारी विभागों कों दिशानिर्देश दिये । इससे पूर्व पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक युवराज आनंद ने बताया कि जिला के बैंकों ने मार्च 2023 तक 2365.38 करोड़ के ऋणों के वार्षिक लक्ष्य के बदले 2387.95 करोड़ रूपये के ऋण वितरित किये। बैंकों की जमा राशि 12446.68 करोड़ रूपये हो गयी है। इस में 09.20 प्रतिशत बार्षिक दर से बृद्धि हुई है जबकि ऋण 09.17 प्रतिशत की दर से बढ़ कर 3796.69 करोड़ रूपये हो गया है । जिला का ऋण जमा अनुपात बर्ष में 30.50 प्रतिशत हो गया है। जिला का ऋण जमा अनुपात राष्ट्रीय लक्ष्य 60 प्रतिशत की अपेक्षा कम है। बैंकों का ऋण जमा अनुपात सुधारने हेतु बैंकों और सरकारी विभागों कों भरसक प्रयत्न करने चाहिये। जिला में बैंकों ने 31मार्च 2023 तक 63569 कृषि कार्ड वितरित किए तथा दिसम्बर तिमाही में बैंकों ने 881 कृषि कार्ड किसानों कों बांटे हैं। बैंकों का कृषि ऋण 668.04 करोड़ रूपये है जो कि कुल ऋणों का 19.21 प्रतिशत है। उन्होंने बैंकों को किसानो की आय बढ़ाने के लिए आवश्यक ऋण वितरित करने बारे निर्देश दिए। मुख्य जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक गुरचरण भट्टी ने बताया कि सभी बैंकों ने वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत निधारित लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है। मुख्य अग्रणी बैंक प्रबन्धक गुरचरण भट्टी ने अधिक से अधिक कृषि कार्ड बाँटने, कृषि औजारों हेतु ऋण प्रदान करने तथा लघु उद्योगों कों बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत लोगों को फायदा पहुंचाने हेतु सभी सरकारी/गैरसरकारी बैंक भरसक योगदान दें। नाबार्ड की जिला विकास प्रबन्धक सबरीना राजवंशी ने बैठक में शामिल सदस्यों को सरकार द्वारा नाबार्ड के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं बारे जानकारी दी। इस बैठक में जिला विकास अधिकारी भारतीय रिजर्व बैंक आशीष शर्मा, नवीन कुमार प्रोजेक्ट ऑफिसर डीआरडीए, आरसेटी निदेशक संदीप ठाकुर सहित विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयक तथा सरकारी/गैरसरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
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