February 4, 2025

Himachal Tehalaka News

himachaltehalakanews

हिम भोग – सेहत और स्वरोजगार का सुंदर सुयोग

ऊना, 4 फरवरी. आप प्राकृतिक खेती करिए…गेहूं-मक्की उगाइए…हिमाचल सरकार उसे आपसे चोखे दामों पर खरीदेगी। दरअसल, राज्य सरकार की हिम प्राकृतिक खेती उत्पाद योजना के संबल से खेतीबाड़ी का कार्य अब केवल अन्न उपजाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेहत और स्वरोजगार से सफलता का मजबूत आधार बन गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए सरकार ने ‘हिम भोग’ ब्रांड के साथ पहले पहल हिम मक्की आटा बाजार में उतारा है। यह प्रयास किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक विकल्प उपलब्ध कराने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।इस योजना के अंतर्गत सरकार ने पहले चरण में हिम मक्की आटा लॉन्च किया है, जिसे 1 किलो और 5 किलो की पैकेजिंग में उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है।युवाओं को स्वरोजगार की नई राहउल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वर्तमान राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर साल 2024 के दिसंबर में बिलासपुर में आयोजित समारोह में हिम प्राकृतिक खेती उत्पाद योजना की शुरुआत की थी। साथ ही उन्होंने इसके तहत हिम भोग ब्रांड का शुभारंभ भी किया था। समारोह में सांकेतिक रूप से चुनींदा लाभार्थियों को हिम मक्की आटा वितरित किया गया था। यह पहल युवाओं को पारंपरिक खेती से जोड़कर उन्हें सशक्त रोजगार अवसर प्रदान करने को समर्पित है।सरकार मक्की को 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही है, ताकि अधिक से अधिक किसान और युवा इस योजना से लाभान्वित हो सकें। आगे इसे और व्यापक बनाया जाएगा और अन्य प्राकृतिक खेती उत्पाद भी हिम भोग ब्रांड के तहत बाजार में उतारे जाएंगे।उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता का आटाऊना के जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक राजीव शर्मा ने बताया कि जिले के 322 डिपुओं के माध्यम से हिम भोग ब्रांड का प्राकृतिक खेती मक्की आटा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा रहा है। इन डिपुओं में अब अन्य सामान के साथ-साथ सस्ते दामों पर हिम मक्की आटा भी उपलब्ध है। वहीं, सिविल सप्लाई कारपोरेशन के एरिया प्रबंधक संजीव कुमार ने बताया कि ऊना जिले में अब तक 16 किसानों से 111 क्विंटल प्राकृतिक मक्की की खरीदारी की गई है।बता दें, हिमाचल प्रदेश देशभर में गेहूं और मक्की के लिए सर्वाधिक समर्थन मूल्य निर्धारित करने वाला राज्य है। किसानों से गेहूं 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी जा रही है।किसानों-उपभोक्ताओं ने जताया सरकार का आभारऊना जिले के किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया है। उनका कहना है कि हिम प्राकृतिक खेती उत्पाद योजना चलाकर सरकार ने सेहत, स्वरोजगार और सरकारी सहयोग का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है। वहीं डिपुओं से हिम भोग ब्रांउ का हिम मक्की आटा खरीदने वाले उपभोक्ताओं ने शुद्ध और प्राकृतिक आहार का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए हिमाचल सरकार का आभार जताया है। ऊना की नीलम द्विवेदी ने बताया कि हिम मक्की आटा उन्हें सस्ते दामों पर उचित मूल्य की दुकानों से मिल रहा है, और यह खाने में बेहद स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक है। कोटला कलां निवासी सुलेखा देवी और सोनिया सैनी बताती हैं कि डिपो में 50 रुपये प्रति किलोग्राम की पैकेजिंग में हिम मक्की आटा खरीदा है। यह आटा डायबिटीज रोगियों के लिए बड़ा लाभकारी सिद्ध हो रहा है। वहीं, चताड़ा की मीना देवी और सर्वजीत कौर ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार यह आटा स्वास्थ्यवर्धक तो हे ही, साथ ही बाजार से किफायती दरों पर उपलब्ध हो रहा है।क्या कहते हैं उपायुक्तऊना के उपायुक्त जतिन लाल का कहना है कि हिमाचल सरकार की हिम प्राकृतिक खेती उत्पाद योजना के तहत हिम भोग की यह पहल किसानों के हितों को संरक्षित करने में कारगर रही है। इसके तहत लोगों को स्वास्थ्यवर्धक आहार विकल्प मिलने के साथ ही राज्य की युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनने का एक बेहतरीन अवसर उपलब्ध हो रहा है।