November 21, 2024

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ऊना, 16 अप्रैल :- राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला परिषद सभागार, ऊना में जिला प्रशासन के साथ केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं एवं जिला स्तर पर कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने जहां केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट ली वहीं प्राकृतिक कृषि, नशामुक्ति तथ मोटा अनाज की खेती बारे अधिकारियों से जागरूकता पर कार्य करने की अपील की।इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि जिला स्तर पर जो अधिकारी केंद्रीय व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओें को कार्यान्वित कर रहे हैं उनके कार्यो से प्रदेश सरकार को श्रेय मिलता है।

इसलिए उन्हें न केवल निर्धारित समयावधि में कार्य पूरा करना चाहिए बल्कि उसमें गुणात्मकता का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ-साथ लोगों को योजनाओं के बारे में जागरूक करने का दायित्व भी उनका है। इसलिए सभी अधिकारी इन योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए मुख्य आधार हैं।श्री शुक्ल ने कहा कि योजनाओं को कार्यान्वित करने से पूर्व अधिकारी स्वयं इन योजनाओें से संतुष्ट होने चाहिए तभी वे समर्पण से कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर योजना का लाभ हो रहा है तो उस पर दृढ़ता से काम होना चाहिए। यदि योजना में कहीं कोई कमी है तो इस बारे में भी सरकार को अवगत करवाने का सामर्थ्य होना चाहिए तभी योजना व लोगों से न्याय कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जिले के अनेक विभागों का कार्य काफी संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि कार्य के प्रति अधिकारियों में उत्साह नजर आना चाहिए।राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है। देवभूमि में नशे के अवैध धंधे के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने ऊना प्रवास के दौरान उन्होंने नशानिवारण केंद्र का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्रों में अच्छी सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि इन केंद्रों में आने वाले युवा स्वस्थ हो सके। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पूरे समाज को मिलकर कार्य करना है क्यों नशे का समाज पर वितरीत प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि रसायन खेती से आज जमीन बंजार हो रही है और जो अन्न पैदा हो रहा है वह स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदायक है। इसलिए हमें किसानों को प्राकृतिक कृषि के प्रति प्रेरित करने की आवश्यकता है।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओें के लिए स्वीकृत राशि का ठीक से उपयोग सुनिश्चित होना चाहिए और काम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर इस पर ध्यान देंगे तो प्रदेश को प्रगति करने से काई रोक नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि सकारात्मक स्वरूप अपनाकर ही कार्य को गति देनी चाहिए तभी सभी को लाभ मिल सकता है।इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हरोली के पोलियां बीत में 1923 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बल्क ड्रग पार्क की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत पानी की निविदा की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए ताकि निर्धारित समयावधि में इसे पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसमें सक्रिय दवा सामग्री तैयार की जाएगी। इसके बनने से क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।उन्होंने हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कैमिकल लिमिटेड (एच.पी.सी.एल) द्वारा जीतपुर मेड़ी में बनने वाले फर्स्ट जनरेशन एथिनल प्लांट का कार्य, मातृ एवं शीशु उपचार केंद्र, पी.जी.आई. सैटेलाईट सेंटर, हरोली के सलोह में बन रहे केंद्रीय विश्वविद्यालय, क्रिटिकल केयर यूनिट, नेशनल कैरियर सेंटर फॉर डिफरैंटली एबल्ड चाइल्ड तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों की समीक्षा की तथा सभी कार्यो को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए।उन्होंने कृषि विभाग को मोटे अनाज को लेकर भी लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष को ‘मीलट इयर’ के रूप में मनाया जा रहा है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे ‘श्री अन्न’ का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए कि वे किसानों को इसके लाभ के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व इस दिशा में ध्यान दे रहा है। इसलिए इस की सफलता विभागीय कर्मियों पर निर्भर करती है।

उन्होंने विभाग को इस बारे में अधिक से अधिक शिविर लगाने के निर्देश दिए।बैठक में जानकारी दी गई कि नंगल से तलवाड़ा रेलवे लाईन में दौलतपुर से तलवाड़ा मिसिंग लिंक का कार्य शुरू किया जा चुका है, जिस पर 289 करोड़ रुपये भारत सरकार द्वारा व्यय किए जा रहे हैं।इस अवसर पर, ऊना के उपायुक्त श्री राघव शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में जिले को राज्य सरकार द्वारा ‘राज्य गुड गवर्नेंस इंडेक्स’ में तृतीय स्थान हासिल किया। उन्होंने राज्यपाल को केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा हर स्तर पर समय-समय पर इन योजनाओें की समीक्षा की जाती है और इस बात का विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि निर्धारित समयावधि में इन्हें पूरा किया जा सकते ताकि लोगों को समय पर इनका लाभ मिल सके।