हमीरपुर 26 फरवरी। किसी भी तरह की आपदा के दौरान प्रभावित लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और उन्हें साइको-सोशल सपोर्ट प्रदान करने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को भी आपदा प्रबंधन प्लान में शामिल करने तथा इसके प्रति विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए सोमवार को यहां होटल हमीर में तीन दिवसीय कार्यशाला आरंभ हुई। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा आयोजित की जा रही इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए जिला राजस्व अधिकारी जसपाल सिंह ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा से प्रभावित लोगों को केवल शारीरिक या आर्थिक रूप से ही नुक्सान नहीं होता है, बल्कि आपदा से कई बार उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित होता है। आम तौर पर आपदा के समय बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों के दौरान मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। आपदा प्रबंधन में जुटे अधिकारियों, कर्मचारियों और वालंटियर्स को इसकी ज्यादा जानकारी भी नहीं होती है। जिला राजस्व अधिकारी ने कहा कि इसी के मद्देनजर इस बार डीडीएमए की ओर से यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कार्यशाला के दौरान मानसिक स्वास्थ्य और साइको-सोशल सपोर्ट पर दी जाने वाली महत्वपूर्ण जानकारियों को सभी प्रतिभागी अधिकारी-कर्मचारी अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में प्रैक्टिकल रूप से लागू करेंगे और वे आपदा प्रबंधन कार्यों को बेहतर ढंग से अंजाम देने में सक्षम होंगे। कार्यशाला के पहले दिन के विभिन्न सत्रों के दौरान डूअर्स संस्था की विशेषज्ञ अनुराधा ने आपदाओं के दौरान लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की जानकारी दी। उदघाटन सत्र में होमगार्ड्स के कमांडेंट सुशील कुमार कौंडल, डीडीएमए की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक समीक्षा शर्मा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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