हमीरपुर । हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा क्षेत्र 38-हमीरपुर के उपचुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग की ओर से व्यय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात रहे वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी आनंद कुमार ने सहायक व्यय पर्यवेक्षक, अकाउंटिंग टीम और व्यय निगरानी से संबंधित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी उम्मीदवारों के व्यय रजिस्टरों का शैडो रजिस्टरों के साथ मिलान करके चुनाव के सभी खर्चों के विवरण को अतिशीघ्र अंतिम रूप दें। अगर इन रजिस्टरों में कोई अंतर सामने आ रहा है तो उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों के साथ चर्चा के बाद इस अंतर को तुरंत दुरुस्त कर दें। आनंद कुमार ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद एक महीने के भीतर उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का विवरण जमा करवाना अनिवार्य है। अगर कोई उम्मीदवार अपने खर्च का विवरण जमा नहीं करवाता है तो निर्वाचन आयोग उसे अयोग्य घोषित कर सकता है। व्यय पर्यवेक्षक ने कहा कि वह 12 अगस्त को उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों के साथ अंतिम बैठक करेंगे। चुनावी खर्च से संबंधित सभी रजिस्टर इस तिथि से पहले अपडेट एवं पूर्ण हो जाने चाहिए। आनंद कुमार ने कहा कि चुनावी खर्च के विवरण के संबंध में अगर कोई शंका हो तो तुरंत उनसे संपर्क करें। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद निकाले गए विजय जुलूस के व्यय को भी चुनावी व्यय में शामिल करें। आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान बरामद की गई नकदी और अन्य सामग्री का भी पूरा विवरण दें। इसके अलावा उम्मीदवारों द्वारा विशेष रूप से खुलवाए गए बैंक खाते से संबंधित प्रक्रिया को पूर्ण करवाएं तथा उस खाते को बंद करवाएं। क्योंकि, इस खाते का प्रयोग केवल चुनाव संबंधी गतिविधियों के लिए ही किया जा सकता है। बैठक में एडीएम राहुल चौहान, एसडीएम एवं विधानसभा क्षेत्र 38-हमीरपुर के निर्वाचन अधिकारी मनीष कुमार सोनी, निर्वाचन विभाग के नायब तहसीलदार राजेश कौंडल, सहायक व्यय पर्यवेक्षक और व्यय निगरानी से संबंधित अन्य टीमों के प्रभारी भी उपस्थित थे।
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