ऊना, 20 सितंबर। बागवानी विभाग ऊना ने नर्सरी उत्पादकों को पौधशाला पंजीकरण और विनियमन को लेकर गहन जानकारी देने के लिए शुक्रवार को पशुपालन विभाग के सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में ऊना जिले के सभी नर्सरी उत्पादकों ने भाग लिया और उन्हें फलदार पौधों के पंजीकरण और उच्च गुणवत्ता वाले पौधों के उत्पादन पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।कार्यक्रम के दौरान उपनिदेशक बागवानी, डॉ. केके भारद्वाज ने बताया कि जिले की विभिन्न पंजीकृत फल पौधशालाओं में लगभग सभी प्रकार के फलदार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने नर्सरी उत्पादकों से आग्रह किया कि वे उन्नत किस्म के और उच्च गुणवत्ता वाले फलदार पौधों का उत्पादन करें, ताकि किसानों को सर्वाेत्तम गुणवत्ता वाले पौधे मिल सकें। उन्होंने यह भी सलाह दी कि किसान केवल पंजीकृत पौधशालाओं से ही पौधे खरीदें ताकि उन्हें प्रमाणित और स्वस्थ पौधे मिलें।डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जिले में कोई भी नर्सरी उत्पादक बिना पंजीकरण के फल पौध उत्पादन और बिक्री का कार्य ना करे। ऐसा करने पर हिमाचल प्रदेश फल पौधशाला अधिनियम के तहत 1 वर्ष का कारावास और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।इस अवसर पर बागवानी निदेशालय शिमला से वरिष्ठ पौध संरक्षण अधिकारी, डॉ. कीर्ति सिन्हा ने हिमाचल प्रदेश फल पौधशाला पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2015 और नियम 2020 की विस्तृत जानकारी प्रतिभागियों को दी। उन्होंने नर्सरी पंजीकरण प्रक्रिया और उच्च गुणवत्ता की नर्सरी का उत्पादन सुनिश्चित करने पर भी प्रकाश डाला।कार्यक्रम में उपनिदेशक पशुपालन, डॉ. विनय शर्मा, विषय विशेषज्ञ डॉ. शिवभूषण, डॉ. संजय कुमार, उद्यान विकास अधिकारी डॉ. नेहा, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, डॉ. कविता और योगेश कालिया भी उपस्थित रहे।
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