November 22, 2024

Himachal Tehalaka News

himachaltehalakanews

कृषि अधिकारियों ने मक्की की फसल को फॉल आर्मी वर्म से बचाने की दी सलाह

हमीरपुर 21 जून। कृषि विभाग ने जिला के किसानों को मक्की की फसल में लगने वाले ‘फॉल आर्मी वर्म’ के प्रति आगाह किया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस कीट ने पिछले वर्ष मक्की की फसल को काफी नुक्सान पहुंचाया था। उन्होंने बताया कि गर्मी अधिक होने पर यह कीट ज्यादा सक्रिय होता है। इसलिए जिला के किसान इस वर्ष भी इस कीट के प्रति सावधान रहें। यह कीट लाखों की तादाद में फसल पर हमला कर उसे पूरी तरह बर्बाद कर देता है। कृषि अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपने खेतों की नजदीकी से निगरानी करते रहें और फॉल आर्मी वर्म के लक्षण दिखने पर तुरंत विभागीय अधिकारियों से संपर्क करें। फॉल आर्मी वर्म से बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए कृषि अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए नीम के बीज की गिरी का अर्क काफी कारगर सिद्ध होता है। किसान इसके लगभग एक किलो ग्राम बीज को पीसकर पाउडर बना लें और उसे 5 लीटर पानी में रात भर भीगो लें। सुबह इसे सूती कपड़े से छानकर 20 से 25 लीटर पानी में घोल बनाएं और मक्की की फसल पर छिडक़ाव करें। इसके अलावा रस चूसने वाले कीड़ों और छोटी सुंडियों से बचाव के लिए अग्निअस्त्र का प्रयोग काफी कारगर है। इसे बनाने के लिए कूटे हुए नीम के पत्ते एक किलोग्राम, तंबाकू का पाउडर 100 ग्राम, तीखी हरी मिर्च की चटनी 100 ग्राम, देसी लहसुन की चटनी 100 ग्राम आदि सामग्री को 5 लीटर देसी गाय के मूत्र में धीमी आंच पर उबालें। इस मिश्रण को 48 घंटे के लिए रख दें। सुबह-शाम दो बार इस घोल को लकड़ी की डंडी से घोलते रहें। इस घोल को 30 से 40 लीटर पानी में मिलाकर प्रति बीघा स्प्रे करें। वर्षा की स्थिति में उपरोक्त घोल में साबुन का पानी मिलाया जा सकता है, ताकि घोल पत्तों पर चिपका रहे।

इसके अलावा 8 किलोग्राम रेत, एक किलोग्राम राख तथा एक किलोग्राम चूना अच्छी तरह मिलाकर मक्की के खेत में शाम को या वर्षा पडऩे से पहले इस तरह छट्टा करें कि मिश्रण मक्का के ऊपरी भाग यानि गोभू में पड़े। इससे कीड़े की त्वचा पर रगड़ लगेगी और वह बाहर निकलकर भाग जाएगा। कृषि अधिकारियों ने किसानों को इन बचाव प्रक्रियाओं को 8 से 10 दिनों के अंतराल पर दोहराने की सलाह दी है।